ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 37
ब्लैक बेंगल्स चेप्टर 37
ज्योति का शक
अब तक आपने पढ़ा ब्लैक बेंगलस एक आतंकवादी को मारती नही है बल्कि आर्मी के हवाले कर देती है क्योंकि उसकी उमर कम थी ज्योति के घर मे ज्योति सबको चाय दे रही थी तभी अपने पीछे खड़े आदमी को देख ज्योति चौँक जाती है....
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"अब आगे"
ज्योति सबको चाय दे रही थी तभी पीछे से एक आवाज़ आती है... "क्या मुझे भी एक कप चाय मिलेगी".... ज्योति जब पीछे मुड़ती है तो देखती है वहाँ और कोई नही बल्कि यश खडा था.... यश को वहाँ देख ज्योति की आँखे ही बड़ी हो जाती है
ज्योति अपनी आखे बड़ी बड़ी किये ही पूछती है "तुम यहाँ मेरे घर पे क्या कर रहे हो"
यश उसे देखते हुए एक सर्कास्टिक वे मे कहता है "बताया तो था दोस्त की शादी मे जा रहा हूँ" ज्योति कुछ सोचते हुए केहती है
"इसका मतलब मेरेे भइया तुम्हारे दोस्त हैं"
यश सोचने का नाटक करते हुए कहता है "हाँ मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है"
यश की बात सुन ज्योति झेंप जाती है और मुस्कुराती हुई कहती है "नहीं मेरा मतलब वह नहीं था" इतना कहकर ज्योति उसे चाय का कप बढ़ा देती है
यश को चाय देकर ज्योति वहां से चली जाती है लेकिन पता नहीं क्यों उसके दिमाग में बार-बार यश को लेकर शक आ रहा था..ज्योति चुपके से यश की फोटो निकालती है और किसी को भेज देती है फिर कॉल करती है और कहती है "जो फोटो भेजी है इसकी सारी इनफार्मेशन निकालो ..कौन है, कहां से है सब कुछ" इतना कहकर ज्योति कॉल कट कर देती है और अपने काम में लग जाती है
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"अमृतसर में"
निर्जला आपने ऑफिस में बैठे काम कर रही थी....तभी उसकी नजर एक आर्टिकल पर पड़ती है जिसमे दिल्ली मे कबीर की कंपनी में एक बहुत बड़ी पार्टी जो 5 दिन बाद होने वाली है उसका आर्टिकल छपा था
उसे पढ़ने के बाद निर्जला अरमान को कॉल करती है...दूसरी तरफ से अरमान कॉल उठाता है और हल्के गुस्से में कहता है "तुम्हें मना किया था ना कि किसी से कांटेक्ट नहीं करना है....तुमने कॉल क्यों किया"
निर्जला अरमान की बातों को इग्नोर करते हुए कहती है "तुमने आज का न्यूज़पेपर पढ़ा"
अरमान कॉन्फूज़ होते हुए कहता है "नहीं क्यों क्या हुआ"
निर्जला कहती है "कबीर ओबरॉय ने 5 दिन बाद एक पार्टी रखी है"
अरमान कहता है "हां तो इसमें कौन सी बड़ी बात है...बड़े लोग हैं पार्टी करते रहते हैं"
निर्जला कहती है "तुम समझ नहीं रहे हो.... मुझे कुछ लोगो से पता चला है....यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है...क्योंकि इस पार्टी में सिर्फ बिजनेसमैन के अलावा भी बहुत से लोग आ रहे हैं....जिनमें उंडरवर्ल्ड से भी लोग होंगे....और यह कोई आम पार्टी नहीं है"
अरमान कुछ सोचते हुए कहता है "फिर आगे का क्या प्लान है" निर्जला कहती है "मैं पुलिस डिपार्टमेंट में हूं....मेरे कुछ अपने रिस्ट्रिक्शंस है.....मैं कोई भी काम पंजाब से बाहर नहीं कर सकती लेकिन तुम आर्मी में हो...और अगर तुम्हें परमिशन मिल जाए तो तुम लोग इन्वेस्टिगेशन कर सकते हो"
अरमान कुछ सोचते हुए कहता है "लेकिन यह एक बहुत बड़े बिजनेसमैन की पार्टी है उसके ऊपर कोई भी एक्शन लेने से पहले हमें गवर्नमेंट के सामने प्रूफ देना पड़ेगा....बिना किसी सबूत के हम कुछ नहीं कर सकते हैं"
निर्जला मायूस होते हुए कहती है "लेकिन सबूत कहां से मिलेगा" अरमान कहता है "कुछ तो सोचना पड़ेगा"...दोनों कुछ देर खामोश रहते हैं फिर अरमान कहता है
" तुम्हारा वह जूनियर था ना क्या नाम था उसका"....निर्जला कहती है "जसप्रीत की बात कर रहे हो"
अरमान कहता है "हां वही...क्या वह हमारी कुछ मदद कर सकता है"
निर्जला कंफ्यूज होते हुए कहती है "लेकिन जसप्रीत हमारी कैसे मदद कर सकता है"
अरमान कहता है "अगर वह हमें सबूत लाकर दे तो..क्योंकि लखनऊ मे जो हुआ था उसके सारे सबूत भी....उसी ने ढूंढे थे"
निर्जला कहती है "तुम पागल हो गए हो...वह पुलिस में है और वह भी छोटी पोस्ट पर...अगर किसी के हाथ लग गया तो उसकी नौकरी जाएगी ....और सजा अलग होगी, और उनके हाथ लग गया तो जान से जाएगा....वो लोग बहुत पावरफुल हैं"
अरमान इरिटेट होते हुए कहता है "लेकिन किसी को तो रिस्क लेना होगा ना"
निर्जला कुछ सोचते हुए कहती है "एक बार तुम अपनी ऑफिसर से बात करके देखो ...क्या कहती है"
अरमान कहता है "वह कहती नहीं है डायरेक्ट फैसला सुनाती है....और उससे बात करने के लिए थोड़ा वेट करना पड़ेगा"
निर्जला कहती है "ठीक है तब तक खामोश रहते हैं"
अरमान कहता है "ठीक है मैं कुछ कोशिश करता हूं"
निर्जला भी कहती है "ठीक है" दोनों खामोश हो जाते हैं
अरमान आराम से कहता है " मै अब कॉल रखता हूँअपना ख्याल रखना"
निर्जला थोड़ा उदास होते हुए कहती है "ठीक है तुम भी अपना ख्याल रखना" इतना केहकर निर्जला फोन काट देती है...
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पटना
ज्योति को काम करते हुए शाम होगई थी शाम को दीपक का तिलक था घर मे सब तैयार हो चुके थे लेकिन ज्योति अभी रोटियाँ सेक रही थी क्योंकि ज्योति की बुआ भूख लगी थी... तभी वहाँ यश आ जाता है और ज्योति को देखते हुए केहता है "क्या बात है.. तुम्हे रेडी नही होना"
ज्योति एक नज़र यश को देखती है फिर केहती है "दिख नही रहा काम कर रही हूँ बस हो गया है जाती हूँ"
यश ज्योति का मज़ाक उड़ाते हुए कहता है "तुम पक्का इस घर की बेटी ही होना या काम वाली बाई हो" और हसने लगता है
ज्योति उसे घूरते हुए केहती है "अगर तुम्हारा हो गया हो तो जाके अपना काम करो"... यश हस्ता हुआ वहाँ से चला जाता है
ज्योति गैस बंद कर जाने लगती है तभी उमा जी आकर केहती हैं
" जल्दी तैयार हो जा बेटा वो लोग आने वाले हैं "
ज्योति मुस्कुराती हुई केहती है "बस पाँच मिनट मे आती हूँ इतना केहकर वो तैयार होने चली जाती है"
ज्योति कमरे में आती है और फटाफट फ्रेश होकर कपड़े चेंज करती है और तैयार होने लगती है....
यश ज्योति को ढूंढते हुए जैसे ही उसके कमरे का दरवाजा खोलता है सामने का नजारा देख शौक हो जाता है......
क्या होने वाला है कबीर की पार्टी में? क्या करेंगे अरमान और निर्जला? ऐसा क्या देखा है यश ने ज्योति के कमरे में
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स मिलते हैं अगले चैप्टर में
...........बाय बाय........
madhura
11-Aug-2023 07:14 AM
Nice part
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Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 01:02 PM
Nice
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Gunjan Kamal
29-Jan-2023 11:31 AM
शानदार
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